पंजाब सरकार की ओर से सत्ता में आने से पूर्व इंडस्ट्री को पांच रुपये प्रति युनिट बिजली देने का वायदा कर वोटें ले ली, लेकिन सत्ता में आते ही बिजली के दामों में बेहताशा बढ़ोतरी की है। जहां पहले बिजली इंडस्ट्री को सात रुपये से लेकर आठ रुपए में मिल रही थी। जोकि अब पांच रुपए यूनिट बिजली तो दी जा रही है, लेकिन बेसिक पांच रुपये के दामों के साथ फिक्सड़ चार्जेज के रुपए में भारी रकम लेकर दाम 9 रुपये से लेकर 20 रुपये यूनिट तक पड़ रहे हैं। इसका मुख्य नुकसान छोटी इंडस्ट्री जिनकी खपत कम है,उन्हें उठाना पड़ रहा है।
वहीं नाइट टैरिफ के नाम पर भी सरकार ने दी जाने वाली सबसिडी बंद कर दी। इससे पूर्व इंडस्ट्री को रात को कारखाने चलाने पर दो रुपये प्रति यूनिट की राहत दी जाती है। ऐसे में इंडस्ट्री इनपुट कास्ट कम होने से इंटरनेशनल मार्केट में अपना वर्चस्व कायम कर रही थी। लेकिन अब दामों में तेजी से हो रहे इजाफा और नाइट टैरिफ जैसी राहतें चले जाने से इंडस्ट्री के लिए घरेलू बाजार में ही काम करना मुश्किल हो रहा है। ऐसे में कई कंपनियों की ओर से अपने नए यूनिट पंजाब से बाहर लगाए जा रहे हैं। इसका मुख्य कारण दूसरे राज्यों में सस्ती बिजली दिए जाना है।
सस्ती बिजली का वादा पूरा नहीं कर पाई सरकार
यूनाइटेड साइकिल एवं पार्टस मैन्यूफेक्चरर एसोसिएशन के प्रधान डीएस चावला के मुताबिक सरकार की ओर इंडस्ट्री की एकमात्र मांग सस्ती बिजली को ही पूरा नहीं किया गया। हमें उम्मीद थी कि पांच रुपए बिजली से हम एक्सपोर्ट में तेजी से ग्रोथ करेंगे। लेकिन उलटा सरकार आने के बाद दामों में भारी इजाफा हो रहा है। अगर नाइट टैरिफ में राहत दी जाए, तो इंडस्ट्री के साथ साथ सरकार का ट्रांसमिशन लास भी कवर हो जाएगा। हम सरकार से पांच रुपए प्रति युनिट के घोषणाओं को लेकर डिबेट करने को भी तैयार हैं।
फास्टनर मैन्यूफेक्चरर एसोसिएशन के प्रधान नरिंदर भमरा के मुताबिक यह मामला सरकार को गहनता से सोचना चाहिए। सारी इंडस्ट्री ने सरकार के पांच रुपये प्रति यूनिट बिजली के वायदे को देखते हुए वोटिंग की। लेकिन अब नाइट टैरिफ जैसी अहम छूटों को नहीं दिया जा रहा। सरकार से अपील है कि पंजाब उद्योग को पटरी पर लाने के लिए सरकार नाइट टैरिफ तत्काल लागू कर राहत दे।
Source: jagran